नई दिल्ली। भारत के आंतरिक मामलों को संयुक्त राष्ट्र में उठाने और मुंह की खाने वाले पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाई तो दमन के शिकार हैं ही, शिया मुसलमानों को भी निशाना बनाया जा रहा है। शियों की हत्या के लिए कुख्यात आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सुन्नी मुसलमान कराची की सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शन के नाम पर शिया समाज की मस्जिदों और इमामबाड़े को निशाना बनाया गया। घटना के बाद से शिया वर्ग के लोग दहशत में हैं।
Shia attacked in Pakistan, Shia protests in India
New Delhi. Minority Hindus, Sikhs and Christians in Pakistan, who raise India’s internal affairs at the United Nations and have a face to face repression, are being targeted as well as Shia Muslims. A large number of Sunni Muslims descended on the streets of Karachi under the leadership of Sipah-e-Sahaba, a terrorist organization notorious for killing Shias. Mosques and Imambaras of Shia society were targeted in the name of protest. The Shia people have been in panic since the incident.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में शुक्रवार को कुछ बड़े सुन्नी संगठनों ने सिपाह-ए-सहाबा के नेतृत्व में शिया विरोधी रैली निकाली।
वे शिया वर्ग को इस्लाम से निष्कासित करने व उन्हें काफिर करार देने की मांग कर रहे थे।
कराची स्थित पुराने शहर के लाइंस एरिया से जब मोटरसाइकिल रैली गुजरी, तो वहां स्थित इमामिया मस्जिद व शिया इमामबाड़े पर पथराव किया गया।
वहां पाकिस्तानी रेंजर्स मौजूद थे, लेकिन हमलावरों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
शनिवार को भी कराची में सुन्नी वर्ग के कई समूहों ने विशाल सभा की, जिसमें शिया वर्ग के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया।
यह है मामला
मुहर्रम के दौरान दिया गया शिया वक्ता का एक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
आरोप है कि वक्ता ने इस्लाम धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं।
इसके बाद सुन्नी वर्ग उग्र हो गया।
शिया को निशाने पर लेकर अभियान चला दिया गया।
इसी सिलसिले में प्रदर्शन किए जाने के साथ-साथ शिया धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है।
शिया हमेशा निशाने पर
पाकिस्तान में शिया हमेशा से निशाने पर रहे हैं। देश की करीब 22 करोड़ आबादी में शिया जनसंख्या 4-5 करोड़ है।
उनके धार्मिक स्थलों को लगातार निशाना बनाया जाता है। यहां तक कि शिया वर्ग के प्रमुख लोगों को चिह्नित करके उनकी हत्या कर दी जाती है।
सूफी दरगाहों पर भी वहाबी वर्ग के सुन्नी हमले करते रहते हैं। इससे पहले अहमदी कहे जाने वाले मुस्लिम समूह को काफिर करार देकर उसे दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया जा चुका है।
वैश्विक आयोग गठित करने की मांग
ऑल इंडिया शिया हुसैनी फंड (एआइएसएचएफ) ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर पाकिस्तान में शिया मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार को रोकने की मांग की है।
एआइएसएचएफ के महासचिव सैयद हसन मेंहदी ने पत्र में कहा है कि पिछले तीन दशक में पाकिस्तान में करीब 30 हजार शियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
उन्होंने शियों पर हो रहे अत्याचार के मामलों की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय आयोग के गठन की भी मांग की।
मेंहदी ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत इतनी खराब है कि चाहे शिया हों या सिख, हिंदू या ईसाई कोई भी सुरक्षित नहीं है।